Chhath Puja Kyo Manate Hai Hindi: भारत में हर साल नजाने कितने त्यौहार आते हैं और उन्ही त्यौहार में से एक त्यौहार छठ पूजा हैं. अगर हम छठ पूजा के बारे में बात करे तो छठ पूजा ऐतिहासिक रूप से एक प्राचीन हिन्दू वैदिक त्योहार हैं जो हर साल दीपावली के पांच दिन के बाद से छठ पूजा की शुरुआत हो जाती हैं और हम सभी बहुत ही बेसब्री से छठ पूजा का हर साल इंतजार करते हैं. ये त्यौहार दीपावली के पांच दिन के बाद से शुरू होती है जिससे हम छठ पूजा (Chhath Puja) के नाम से जानते हैं.

Chhath Puja Kyo Manate Hai Hindi
हमारे देश के लगभग सभी न्यूज़ चैनल पर छठ पूजा के तैयारी के बारे में अलग अलग जगह से दिखाया जाता हैं. इस त्यौहार को बड़ी संख्या में लोग मानते है और खासतौर पर ये त्यौहार भारत के पूर्वी जगह जैसे की बिहार और झारखंड और 10 प्रतिशत कलकत्ता के लोग भी मनाते हैं इस त्यौहार में सूर्य भगवान की उपासना की जाती हैं.
छठ पूजा (Chhath Puja) को भारत के अलग अलग राज्यों में मनाया जाता है लेकिन बिहार और उत्तरप्रदेश व झारखंड के लोग बहुत ही धूम धाम से मनाते हैं क्योकि इस त्यौहार से उनकी श्रद्धा जुड़ी हुई हैं. छठ पूजा इन लोगो के लिए एक अहम महापर्व हैं.
छठ पूजा का विवरण कई प्राचीन ऐतिहासिक कहानियों में भी मिलता हैं जिसके कारण अलग अलग मान्यताओं के कारण इस त्यौहार को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता हैं बिहार के लोग पूजा के लिए ख़ास तयारी करते है अपने इलाके के घाटों को बहुत मेहनत से सजाते हैं और डीजे भी लगाते हैं. छठ पूजा चार दिनों तक मनाया जाता हैं.
क्या आप जानते है छठ क्यों मनाई जाती हैं? छठ पूजा कैसे मनाई जाती हैं? छठी मईया कौन हैं? अगर आप नहीं जानते है तो आप हमारे ब्लॉग पर आये है तो यहाँ पर आप को इसके बारे में एकदम सही जानकारी मिलेगा।
आप छठ पूजा (Chhath Puja) के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आप को हमारे इस आर्टिकल को अच्छे से पढ़ कर समझना होगा जिसके बाद आप छठी मईया से बिलकुल रहबरू हो जायेंगे.
छठ पूजा क्या है और क्यों मनाते हैं/ Chhath Puja Kyo Manate Hai Hindi
सूर्य षष्ठी व्रत होने कि वजह से इस पूजा को छठ पूजा कहा गया हैं छठ पूजा लगभग चार दिनों तक चलता हैं जो की कठिन व्रतो में से एक छठ पूजा को कहा गया हैं. भारत में ज्यादातर बिहार, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश व पूर्वी राज्यों में छठ पूजा को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया गया है और सभी लोग बहुत ही धूम धाम से मनाते है अपने बच्चों को नये कपड़े और परिवार के लोग को नए आभूषण भी देते हैं.
छठ पूजा (Chhath Puja) सूर्य और उनकी बहन व छठी मैया को समर्पित हैं इनकी वजह से धरती पर जीवन संभव हो पाया हैं. छठी मईया बच्चो को रक्षा करने वाली देवी मानी जाती हैं. बहुत से लोग अपनी मनोकामना मांगते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होने के बाद लोग छठी मईया की पूजा की शुरुआत करते हैं.
छठी मैया कौन हैं/ Chhath Puja Kyo Manate Hai Hindi
छठ पूजा (Chhath Puja) सूर्य और उनकी बहन व छठी मैया को समर्पित हैं. छठी मैया सूर्य देव की बहन हैं. पुराणों में छठ मैया का उल्लेख भी है की प्रकृति देवी ने अपने अपने आप को अलग अलग छह भागो में विभाजित किया हैं और छठी मैया को षष्ठी देवी के नाम से जाना भी जाता है. ये त्यौहार को स्थानीय जगहों पर छठी मैया के नाम से भी पुकारते हैं.
छठ पूजा(Chhath Puja) का इतिहास/ Chhath Puja Kyo Manate Hai Hindi
छठ पूजा का इतिहास बहुत लम्बा है और यह साल में दो बार मानते हैं पहला चैत्र में और दूसरा कार्तिक और इनके पीछे बहुत सारी पौराणिक कथाएं हैं जो हमारे टीम ने यहाँ पर एक एक कर के आप लोगो के सामने रखेगी।
महाभारत काल से छठ की हुई शुरुआत/ Chhath Puja Kyo Manate Hai Hindi
छठ मैया की दूसरी पौराणिक कथा महाभारत काल से आती है जिसके अनुसार माता कुंती जब उनका विवाह नहीं हुआ था तब से कुंती माता सूर्य देव की पूजा करते हैं. जिसके बाद उनको पुत्र की प्राप्ति हुई थी. और उनके पुत्र का नाम अंगराज हैं. लेकिन जब माता कुंती का विवाह भी नहीं हुआ था इसके वजह से उन्होंने अपने पुत्र आंगराज को गंगा में बहा दिया और बड़े होकर अंगराज एक योद्धा बने. इसकी इतिहास के कारण आज के समय लोग पुत्र की चाह में लोग छठ पूजा करते हैं.
महाभारत काल के अनुसार माता कुंती के पुत्र अंगराज घंटो पानी में रहकर सूर्य की उपासना करते थे इसकी वजह से उनपर सूर्य की आशीर्वाद बनी रहती हैं. इसी मानता को भी छठ पूजा करने के वजह माना जाता हैं.
छठ पूजा(Chhath Puja) क्यों मनाई जाती हैं और उनकी पूजा क्यों की जाती हैं?
छठ पूजा क्यों मनाई जाती है ये तो हर कोई जानता ही होगा जैसे की हमने पहले बताया है कुछ पौराणिक व धार्मिक कथाएं के द्वारा हमने आप सभी को बताया जैसे की परिवार में सुख शांति, और समृद्धि पानी के लिए छठ पूजा का महापर्व मनाते है.
अगर पुत्र प्राप्ति नहीं हुई तो पुत्र प्राप्ति के लिए भी मनाई जाती है लेकिन बिहार, झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश व पूर्वी राज्यों में छठ पूजा को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया गया है लोग हर साल मनाते हैं. विज्ञान के अनुसार जो लोग इस प्रीमहापर्व को करते है उनके शरीर में Toxicity नहीं हो पता हैं. छठ पूजा करने से शरीर के हानिकारक वायरस खत्म हो हैं.
छठ पूजा(Chhath Puja) कैसे मनाई जाती हैं
छठ पूजा की हर साल दीपावली के पांचवे दिन के बाद से शुरआत हो जाती है लेकिन इसकी तैयारी 15 पहले से ही की जाती हैं. इन चार दिनों में गंगा में स्नान करने का बहुत बड़ा महत्व होता है इस त्योहर को महिला व पुरुष भी करते है तो चलिए जानते है छठ पूजा कैसे मानते हैं।
Chhath Puja पहला दिन 1: (नहाये खाये)
नहाय खाय से ही छठ पूजा की शुरुआत होता है और भक्त स्नान करने से पहले भोजन नहीं करते और नदी या तालाब में स्नान करने के बाद भोजन ग्रहण करते हैं. इन सब को करने के बाद वो चूल्हे पर सबके के लिए खाना बनाते हैं.
Chhath Puja दूसरा दिन 2: (खरना)
खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता हैं और इस दिन वो पुरे दिन उपवास करते हैं. और खरना के दिन ही महिला भक्त गुड़ से बनी खीर और पूरी का प्रसाद बना कर अपने परिवार के लोग को खिलाती हैं और आस पास के घर के लोग को छठ के खरना के प्रसाद को बांटा भी जाता हैं.
Chhath Puja तीसरा दिन 3: संध्या अर्घ्य
Chhath Puja तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है और संध्या अर्घ्य का दिन कठिन भी होता है जो भक्त पूजा करते है पुरे दिन उपवास रखते है और इस दिन उनको न तो पानी का सेवन करना होता है और ना ही भोजन का शाम को ढलते सूर्य को संध्या अर्घ्य देते है और इस दिन का बहुत बड़ा महत्व होता है और बच्चे घाट पर पटाखे भी जलाते हैं.
Chhath Puja चौथा दिन: उषा अर्घ्य /सूर्योदय
उषा/ सूर्योदय अर्घ्य पूजा का चौथा दिन होता है इस दिन भक्त उगते हुए सूर्य को प्रार्थना अर्पित करते हैं उसके बाद भक्त अपना लंबा उपासना तोड़ते और सूर्य देव को अर्घ्य देकर नस्कार के साथ व्रत को समाप्त करते हैं.
छठ पूजा 2022 शुभ मुहूर्त
- 30 October को संध्या अर्घ्य देने समय शाम 5 बजकर 37 मिनट।
- 31 October को उषा अर्घ्य /सूर्योदय देने का समय सुबह 06 बजकर 31 मिनट।
नोट:-शारदा सिन्हा के छठ पूजा के सबसे अच्छे गीत आते है इसके बाद पवन सिंह और खेसारी लाल व अन्य गीतकार.
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